पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिणी श्याम अधर ।
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में Shiv Chalisa lyrics वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।
शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाया जाता है हालंकि नारियल पूजा में काम में लिया जाता है।